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104 साल बाद 27 जुलाई यानी शुक्रवार रात को सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण देखा गया। गुरु पूर्णिमा की रात पड़ने वाला साल का यह दूसरा ग्रहण देशभर में दिखाई दिया। इसकी अवधि करीब 3 घंटे 55 मिनट की रही।
इस तरह का खग्रास चंद्रग्रहण इससे पहले सन् 1914 में पड़ा था, जो भारत समेत कई अन्य देशों में देखा गया था। भारत में शुक्रवार रात 11.44 बजे से चंद्रग्रहण शुरू हुआ। रात करीब 1 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण नजर आया। 1.15 बजे से 2.43 बजे तक ब्लड मून नजर आया।
क्या है ब्लड मून?
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह नाटकीय रूप से चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में उसे 'ब्लड मून' कहा जाता है।
चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें?
चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है. छत पर जाएँ और हो सके तो बच्चों को भी ले जाएँ और इस खगोलीय घटना का आनन्द लें. ढोंगियों से दूर रहें और अन्धविश्वास को बढ़ावा न दें. न ही डरें और न ही दूसरों को डराएं। जो दैनिक जीवन में करते हैं, वही करें.